फ़िल्म शोले अब संस्कृत में !! (यावर अब्बास)
हम अंग्रेज़ों के ज़माने के जेलर है।
अहम् आंग्लपुरुषाणाम् समयस्य कारानिरीक्षक: अस्ति।
ये हाथ मुझे दे दे ठाकुर !!
ठाकुर !! यच्छतु मह्यं तव करौ।
जो डर गया, समझो वो मर गया !
य भीत: भवेत् स: मृत: एव मन्य !
आधे इधर जाओ, आधे उधर जाओ, और बाकी हमारे साथ आओ।
केचन पुरुषा: अत्र गच्छन्तु, केचन पुरुषा: तत्र गच्छन्तु, शेषा: पुरुषा: मया सह आगच्छतु।
तेरा क्या होगा कालिया...??
हे कालिया, तव किं भवेत्…?
तुम्हारा नाम क्या है बसंती?
बसन्ति ! किम् तव नामधेयम्?
अरे ओ सांबा ! कितना इनाम रखे हैं सरकार हम पर?
हे सांबा ! सर्वकारेण कति पारितोषिकानि अस्माकम् कृते उद्घोषितानि?
सरदार ! मैंने आपका नमक खाया है।
हे प्रधानपुरुष: ! मया तव लवणम् खाद्यते।
अब गोली खा !
अधुना गोलीम् खाद !
होली कब है, कब है होली..?
कदा होलिकोस्तव:, कदा होलिकोस्तव:?
बसंती इन कुत्तों के सामने मत नाचना !
हे बसन्ती ! एतेषाम् श्वानानाम् पुरत: मा नृत्य !
चल धन्नो, आज तेरी बसंती की इज्जत का सवाल है !
धन्नो (चलतु वा), धावतु अद्य तव बसन्त्य: लज्जाया: प्रश्न: अस्ति !
यावर अब्बास अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में लोकप्रशासन (स्नातकोत्तर) के छात्र हैं।
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